
पुरुषों और महिलाओं के लिए विदारीकंद के फायदे और नुकसान
आयुर्वेदिक औषधियों में विदारीकंद एक बहुपयोगी जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
यह शारीरिक शक्ति, यौन स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। लेकिन इसके साथ कुछ संभावित नुकसान भी जुड़े हो सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे विदारीकंद के मुख्य फायदे, संभावित नुकसान, इसकी आयुर्वेदिक तासीर और सेवन से जुड़ी अन्य ज़रूरी जानकारियां।
विदारीकंद क्या है?
विदारीकंद, जिसका वैज्ञानिक नाम Pueraria tuberosa है, एक बारहमासी लता वाली जड़ी-बूटी है जो विशेष रूप से भारत और दक्षिण एशिया में पाई जाती है।
इसे आम भाषा में इंडियन कुडजू भी कहा जाता है। इसका प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा में इसके पौष्टिक और चिकित्सकीय गुणों के लिए किया जाता है।
विदारीकंद की जड़ें मोटी और रसदार होती हैं, जिन्हें सुखाकर चूर्ण, कैप्सूल या लेह्यम के रूप में सेवन किया जाता है।
यह मुख्यतः वात और पित्त दोषों को संतुलित करता है और शरीर को बल, ऊर्जा और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
इसकी लोकप्रियता का कारण है – इसके कई चिकित्सा उपयोग जैसे कि हॉर्मोनल संतुलन, प्रजनन क्षमता में वृद्धि, लीवर की सुरक्षा, और मानसिक तनाव में राहत।
विदारीकंद के फायदे
यहाँ विदारीकंद के कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
विदारीकंद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है।
यह मृत कोशिकाओं को हटाने और हानिकारक सूक्ष्मजीवों से लड़ने में सहायक है, जो शरीर के चयापचय को प्रभावित करते हैं।
यह बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को कम करने के साथ-साथ बुखार, श्वसन संबंधी विकारों और गले के जमाव से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है।
2. शराब से राहत
यह शराब के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक है, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
विदारीकंद शराब के प्रति लालसा को कम कर सकता है और इस आदत को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
इसे सबसे अच्छी शराबबंदी दवाओं में से एक माना जाता है।
3. लीवर की सुरक्षा
विदारीकंद लीवर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और उसके कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इसमें मौजूद हेपाटो प्रोटेक्टिव एजेंट दर्द को कम कर सकते हैं और फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस, तीव्र लीवर विफलता और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस जैसे विकारों से लीवर की सुरक्षा को बढ़ाते हैं।
4. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है
विदारीकंद तनाव के स्तर को बढ़ाने वाले गर्मी पैदा करने वाले रसायनों के उत्पादन को सीमित करने में मदद करता है।
यह त्वचा में बायोएक्टिव तत्वों को बनाए रखने में सहायक है, जिससे त्वचा को पोषण मिलता है।
इस प्रकार, विदारीकंद का उचित सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकता है।
5. हृदय स्वास्थ्य के लिए उत्तम
वैज्ञानिक शोधों ने रक्तचाप को इष्टतम स्तर पर बनाए रखने में विदारीकंद के कुछ हद तक स्पष्ट प्रभावों को सिद्ध किया है।
यह हृदय को अवरुद्ध करने वाले कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।
6. त्वचा के लिए असरदार
इसमें त्वचा को ऑक्सीडेटिव क्षति से ठीक करने और उसे चमकदार बनाने की क्षमता होती है।
हालांकि, त्वचा में असामान्यताओं या एलर्जी को बदलने में विदारीकंद के बारे में और अधिक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
7. अल्सर और घावों का इलाज
विदारीकंद में घावों और अल्सर को ठीक करने की क्षमता होती है। यह पेट में दर्द पैदा करने वाले रसायनों के विकास को रोकता है।
विदारीकंद पाउडर या कैप्सूल में मौजूद बायोएक्टिव तत्व घाव की समस्या को दूर करने और कोशिकाओं के निर्माण को सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं।
8. गठिया के लिए अच्छा
यह युवा वयस्कों में घुटनों के दर्द, जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
यह मांसपेशियों के दर्द को प्रबंधित करने, ताकत बढ़ाने और वात संबंधी स्थितियों को संतुलित करने के लिए सूजन-रोधी गुणों को उत्तेजित करता है।
9. कोलन को शांत करता है और मल त्याग में सहायक
यह मल त्याग को सुविधाजनक बनाता है, कब्ज, आंतों की समस्याओं में मदद करता है, और बवासीर को ठीक करने में भी सहायक है।
विदारीकंद कोलन की गति को सुविधाजनक बनाकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पेट के विभिन्न विकारों, विशेष रूप से बवासीर से जुड़ी परेशानी को कम करता है।
10. मूत्र विकारों से राहत
यह विषाक्त पदार्थों को साफ करता है और बढ़े हुए रक्त शर्करा के स्तर के कारण अतिरिक्त मूत्र स्राव की अवधि के दौरान मदद करता है।
यह तंत्रिकाओं को मजबूत करता है और इस प्रकार किडनी संबंधी विकारों को नियंत्रित करने में सहायक है।
11. श्वसन समस्याओं का उपचार
यह खांसी और श्वसन मार्ग में मौजूद जमाव से राहत दिलाता है।
यह श्वसन तंत्र में किसी भी हानिकारक सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को रोकता है और निर्बाध श्वास प्रक्रिया में सुधार करता है।
12. आवाज के लिए अच्छा
यह बंद गले और सूजी हुई स्वर रज्जु से उबरने और संचार प्रणाली को आसान बनाने के लिए जाना जाता है।
यह उन लोगों के लिए मददगार है जिनकी आवाज चीखने-चिल्लाने, खांसी या वॉइस बॉक्स में रुकावट के कारण चली गई है या जो वॉइस बॉक्स में परेशानी से पीड़ित हैं।
पुरुषों के लिए विदारीकंद के प्रमुख लाभ
1. यौन स्वास्थ्य और कामेच्छा में वृद्धि
विदारीकंद पुरुषों की कामेच्छा (सेक्स ड्राइव) बढ़ाने और यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक है।
इसमें कामोत्तेजक (aphrodisiac) गुण होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
यह पुरुषों में यौन कमजोरी और यौन इच्छा की कमी को कम करने में भी कारगर हो सकता है।
2. प्रजनन क्षमता में सुधार
यह पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। विदारीकंद शुक्राणुओं के उत्पादन को बेहतर बनाने और उनकी गुणवत्ता व गतिशीलता (motility) में सुधार करने में मदद कर सकता है।
अश्वगंधा के साथ इसका सेवन लो स्पर्म काउंट और बांझपन जैसी समस्याओं को दूर करने में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
3. शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति
विदारीकंद को एक पुनर्स्थापन आत्मिक टॉनिक के रूप में देखा जाता है।
यह पुरुषों में शारीरिक ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे वे अधिक ऊर्जावान महसूस कर सकें। यह शरीर के पोषण स्तर को भी सुधारता है।
4. तनाव और चिंता कम करना
यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
आधुनिक जीवनशैली में तनाव पुरुषों के यौन स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को प्रभावित कर सकता है, और विदारीकंद इसमें राहत प्रदान कर सकता है।
5. समग्र स्वास्थ्य और ऊर्जा
विदारीकंद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे पुरुष सामान्य बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं।
यह शरीर के तापमान और रक्तचाप को संतुलित रखने, साथ ही स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में भी योगदान दे सकता है।
6. उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करना
विदारीकंद में ऐसे गुण होते हैं जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
यह त्वचा को पोषण देता है और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है।
महिलाओं के लिए विदारीकंद के प्रमुख लाभ
विदारीकंद (Pueraria tuberosa) पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी एक गुणकारी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है।
इसके कई फायदे हैं:
1. स्तनपान को बढ़ावा
विदारीकंद को एक गैलेक्टागॉग (galactagogue) के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है।
यह मां के शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है, जिससे दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार हो सकता है।
2. सामान्य कमजोरी और ऊर्जा में वृद्धि
महिलाओं को अक्सर थकान और सामान्य कमजोरी का अनुभव होता है, खासकर प्रसव के बाद या व्यस्त जीवनशैली के कारण।
विदारीकंद एक पौष्टिक टॉनिक के रूप में कार्य करता है जो शारीरिक शक्ति और ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे वे अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करती हैं।
3. प्रजनन अंगों का स्वास्थ्य
यह शरीर में पोषण के स्तर को सुधारता है और प्रजनन अंगों को उत्तेजित करने में मदद करता है।
हालांकि, महिलाओं में सीधे बांझपन के उपचार के लिए ठोस वैज्ञानिक प्रमाण अभी पूरी तरह से स्थापित नहीं हुए हैं, लेकिन यह हार्मोनल संतुलन और समग्र प्रजनन स्वास्थ्य को सहारा दे सकता है।
4. त्वचा का स्वास्थ्य
विदारीकंद में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
यह त्वचा को पोषण देकर उसे चमकदार और स्वस्थ बना सकता है। इसके सेवन से उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करने में भी मदद मिल सकती है।
5. मूत्र संबंधी समस्याएं
यह मूत्र मार्ग की समस्याओं में भी लाभकारी हो सकता है।
विदारीकंद विषाक्त पदार्थों को साफ करने और मूत्र संबंधी संक्रमणों को रोकने में मदद कर सकता है, जिससे मूत्र तंत्र स्वस्थ रहता है।
7. वजन बढ़ाने में सहायक
जिन महिलाओं को वजन बढ़ाने में कठिनाई होती है, उनके लिए विदारीकंद फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह मांसपेशियों के द्रव्यमान और समग्र वजन को बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
विदारीकंद की तासीर क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार, विदारीकंद की तासीर शीतल (ठंडी) होती है।
यह गुणों में मधुर (मीठा) होता है और मुख्य रूप से वात और पित्त दोषों को शांत करने में मदद करता है।
इसकी ठंडी तासीर शरीर की अतिरिक्त गर्मी को शांत करने, सूजन कम करने और शीतल प्रभाव प्रदान करने में सहायक होती है।
यही कारण है कि इसका उपयोग पित्त से संबंधित समस्याओं जैसे एसिडिटी, जलन और कुछ त्वचा विकारों में भी लाभकारी माना जाता है।
साथ ही, यह शारीरिक ऊर्जा और पोषण प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है।
विदारीकंद के संभावित नुकसान और सावधानियां
1. अत्यधिक मात्रा में सेवन
विदारीकंद के चूर्ण या किसी भी रूप का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।
आयुर्वेद में मात्रा (खुराक) का बहुत महत्व है, और अत्यधिक सेवन से फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है।
2. गैस्ट्रिक समस्याएं
कुछ लोगों को विदारीकंद के सेवन से पेट संबंधी समस्याएं जैसे मतली (nausea), उल्टी (vomiting), दस्त (diarrhea), पेट में गड़बड़ी (stomach upset) या पेट में जलन का अनुभव हो सकता है।
यदि ऐसा होता है, तो सेवन बंद करके चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
3. निम्न रक्त शर्करा (Low Blood Sugar)
विदारीकंद रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
जिन लोगों को लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) की समस्या है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज के मरीज जो दवाएं ले रहे हैं, उन्हें भी यह जड़ी-बूटी सावधानी से लेनी चाहिए।
ऐसे मामलों में विदारीकंद का उपयोग डॉक्टर की निगरानी में ही करें, क्योंकि यह शर्करा स्तर को और भी घटा सकता है।
4. एलर्जी प्रतिक्रियाएं
कुछ संवेदनशील व्यक्तियों को विदारीकंद के सेवन से खुजली, त्वचा पर चकत्ते (rashes) या अन्य एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
दुर्लभ मामलों में, सांस लेने में भी कठिनाई हो सकती है। यदि ऐसी कोई प्रतिक्रिया दिखती है, तो तुरंत सेवन बंद कर दें।
5. सिरदर्द और चक्कर आना
अधिक मात्रा में विदारीकंद का सेवन सिरदर्द और चक्कर आने (dizziness) का कारण बन सकता है।
इसकी हल्की शामक (sedative) प्रकृति के कारण नींद आने या उनींदापन भी महसूस हो सकता है।
6. दवाओं के साथ प्रतिक्रिया (Drug Interactions)
विदारीकंद कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है, खासकर हृदय रोगों, मधुमेह, या लीवर और किडनी विकारों के लिए ली जाने वाली दवाओं के साथ।
यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो विदारीकंद का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक को जरूर बताएं।
7. गर्भावस्था और स्तनपान
हालांकि कुछ स्रोतों में स्तनपान में सहायक बताया गया है, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बिना चिकित्सक की सलाह के विदारीकंद का सेवन नहीं करना चाहिए।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।
8. सर्जरी से पहले
चूंकि विदारीकंद रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है, सर्जरी से कम से कम 14 दिन पहले इसका सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है ताकि सर्जरी के दौरान रक्त शर्करा नियंत्रण में कोई समस्या न हो।
कैसे उपयोग करें विदारीकंद?
विदारीकंद का उपयोग कैसे करें?
- चूर्ण (पाउडर) के रूप में: यह विदारीकंद का सबसे आम और पारंपरिक रूप है।
- मात्रा: आमतौर पर, 3-6 ग्राम (लगभग आधा से एक चम्मच) चूर्ण दिन में एक या दो बार लिया जाता है।
- किसके साथ लें:
- दूध के साथ: यह विदारीकंद के पौष्टिक और बलवर्धक गुणों को बढ़ाता है। इसे गुनगुने दूध के साथ रात में सोने से पहले या सुबह लिया जा सकता है।
- पानी के साथ: यदि आप दूध पसंद नहीं करते या लैक्टोज इंटोलरेंट हैं, तो इसे गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।
- शहद या घी के साथ: यौन स्वास्थ्य या सामान्य कमजोरी के लिए, इसे शहद या घी के साथ मिलाकर लेना फायदेमंद हो सकता है।
- कब लें: भोजन के बाद या चिकित्सक के निर्देशानुसार।
- कैप्सूल या टैबलेट के रूप में: जो लोग पाउडर का स्वाद पसंद नहीं करते या जिन्हें खुराक की सटीकता चाहिए, उनके लिए कैप्सूल एक सुविधाजनक विकल्प है।
- मात्रा: आमतौर पर, निर्माता के निर्देशों के अनुसार, या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से, दिन में एक या दो बार 1-2 कैप्सूल लिए जाते हैं। प्रत्येक कैप्सूल में आमतौर पर 500-1000 mg विदारीकंद का अर्क या पाउडर होता है।
- किसके साथ लें: पानी के साथ।
- कब लें: भोजन के बाद।
- अन्य आयुर्वेदिक योगों में: विदारीकंद कई आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन (योगों) का एक महत्वपूर्ण घटक है, जैसे:
- च्यवनप्राश: यह एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक टॉनिक है जिसमें विदारीकंद भी शामिल होता है।
- आयुर्वेदिक क्वाथ/काढ़ा: कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों के लिए इसे अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर काढ़ा बनाया जा सकता है।
- लेह्यम् (अवलोकन): यह जैम जैसी आयुर्वेदिक तैयारी होती है।
उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- चिकित्सकीय सलाह: विदारीकंद का उपयोग शुरू करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना सबसे महत्वपूर्ण है। वे आपकी शारीरिक प्रकृति (प्रकृति), स्वास्थ्य स्थिति और विशिष्ट जरूरतों के आधार पर सही खुराक और सेवन विधि बता सकते हैं।
- गुणवत्ता: हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले और विश्वसनीय ब्रांड का विदारीकंद खरीदें ताकि मिलावट से बचा जा सके।
- धीरे-धीरे शुरुआत: यदि आप पहली बार विदारीकंद का उपयोग कर रहे हैं, तो कम मात्रा से शुरुआत करें और देखें कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है।
- नियमितता: आयुर्वेदिक औषधियों का लाभ अक्सर नियमित और दीर्घकालिक उपयोग से मिलता है।
- पानी का सेवन: विदारीकंद के सेवन के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
- साइड इफेक्ट्स पर ध्यान दें: यदि आपको पेट में गड़बड़ी, मतली, एलर्जी या कोई अन्य असामान्य लक्षण महसूस होते हैं, तो सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
किस उद्देश्य के लिए उपयोग करें?
- सामान्य कमजोरी, थकान या शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए: दूध के साथ चूर्ण का सेवन।
- यौन स्वास्थ्य (कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या) के लिए: दूध, घी या शहद के साथ।
- स्तनपान बढ़ाने के लिए: दूध के साथ।
- लीवर या पाचन संबंधी समस्याओं के लिए: पानी के साथ।
निष्कर्ष (Conclusion):
विदारीकंद (Pueraria tuberosa) एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कई प्रकार के शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
यह न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक है, बल्कि यह यौन स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता, त्वचा, लीवर, मूत्र तंत्र, और मानसिक संतुलन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।
हालांकि इसके सेवन के कुछ संभावित दुष्प्रभाव और सावधानियां हैं, लेकिन यदि इसे उचित मात्रा और चिकित्सीय सलाह के साथ लिया जाए, तो यह एक पूर्ण पोषण व बलवर्धक औषधि के रूप में कार्य करता है।
संक्षेप में, विदारीकंद एक परंपरागत लेकिन आज के दौर में भी प्रासंगिक और उपयोगी औषधि है, जिसे आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है। इसके उपयोग से बेहतर स्वास्थ्य, शक्ति और जीवन की गुणवत्ता को पाया जा सकता है — बशर्ते इसे सही तरीके और मात्रा में लिया जाए।
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