
पुरुष बांझपन, स्पर्म व निल शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
पुरुष बांझपन एक आम समस्या है, जो दुनिया भर में 13% से 15% जोड़ों को प्रभावित करती है। इसका एक मुख्य कारण कम शुक्राणु गतिशीलता (एस्थेनोज़ोस्पर्मिया) है, जहाँ शुक्राणुओं की तैरने की क्षमता कम हो जाती है।
यदि प्रति मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन से कम शुक्राणु हों, तो इसे कम शुक्राणु गतिशीलता माना जाता है। इस स्थिति के कारण गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है।
ऐसे में कई लोग शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सहारा लेते हैं, क्योंकि आयुर्वेद में इसके कई प्राकृतिक उपाय मौजूद हैं। इस ब्लॉग में, हम इन्हीं में से कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक उपायों पर चर्चा करेंगे जो शुक्राणु बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
1. पुरुष बांझपन व स्पर्म (निल शुक्राणु) बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
1.1. लिव मुजतांग कैप्सूल

लिव मुजतांग कैप्सूल एक निल शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है, जो आपकी प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाती है। इसके साथ ही, यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) और प्रीमैच्योर इजैकुलेशन (PE) जैसी अन्य यौन समस्याओं में भी मदद करती है।
इसके नियमित सेवन से आपके शुक्राणु की संख्या में सुधार हो सकता है, और शरीर में एक नई ऊर्जा का अनुभव होता है। इससे न केवल स्टैमिना बढ़ता है बल्कि आप लंबे समय तक यौन संबंध बनाने में भी सक्षम होते हैं।
1.2. कामा गोल्ड किट

कामा गोल्ड किट पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक पूरा पावर बूस्टर कॉम्बो है। यह चार अलग-अलग रूपों में आता है: कैप्सूल, तेल, चूर्ण और अवलेह।
यह किट शीघ्रपतन, इरेक्शन में कमी, सहनशक्ति की गिरावट और यौन प्रदर्शन से जुड़ी अन्य समस्याओं को जड़ से ठीक करने में मदद करती है। जिन पुरुषों को शुक्राणु बढ़ाने की दवा की ज़रूरत होती है, उनके लिए भी यह एक प्रभावी विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
1.3. लिव मुज़तांग रेक्स

लिव मुजतांग रेक्स एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है जो पुरुषों में ऊर्जा और शक्ति बढ़ाने के लिए बनाया गया है। इसे यूनानी, शक्ति योग और आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों को मिलाकर तैयार किया गया है।
यह पुरुषों में होने वाली कई यौन समस्याओं, जैसे कम टेस्टोस्टेरोन, कामेच्छा में कमी, और थकान को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। बहुत से लोग इसे स्पर्म बढ़ाने की आयुर्वेदिक मेडिसिन के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं।
1.4. आयुष फॉर मेन

आयुष फॉर मेन एक पूरी तरह से आयुर्वेदिक और ऑर्गेनिक फॉर्मूला है, जो पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) के सभी चार प्रकारों के इलाज में मदद करता है।
यह सिर्फ ईडी जैसी समस्याओं को ही ठीक नहीं करता, बल्कि टेस्टोस्टेस्टेरोन से जुड़ी अन्य परेशानियों को भी जड़ से ठीक करने में सहायता करता है।
जिन पुरुषों को कम शुक्राणु संख्या जैसी दिक्कतें हैं, उनके लिए यह स्पर्म बढ़ाने की देसी दवाई के रूप में भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह पुरुषों के संपूर्ण यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है।
1.5. सैंडी आरएक्स

सैंडी आरएक्स पुरुषों में शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है। इसमें ऐसे तत्व हैं जो न केवल स्पर्म काउंट को बढ़ाते हैं, बल्कि आपके लिंग में रक्त प्रवाह को भी बेहतर करते हैं। इसके नियमित सेवन से यौन समय में वृद्धि होती है और यह एक बेहतर यौन अनुभव देने में मदद करता है।
सैंडी आरएक्स के इस्तेमाल से शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार हो सकता है। साथ ही, यह पुरुषों के समग्र यौन स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को भी बढ़ावा देता है।
2. पुरुष बांझपन व स्पर्म (निल शुक्राणु) बढ़ाने की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
2.1. अश्वगंधा (Withania somnifera)

अश्वगंधा का इस्तेमाल बहुत पुराने समय से शुक्राणु बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा के तौर पर होता आ रहा है। यह मुख्य रूप से शरीर और मन से तनाव कम करती है, जिससे प्रजनन क्षमता बेहतर होती है।
यह जड़ी-बूटी थकान दूर करती है, ऊर्जा बढ़ाती है और दिमाग को शांत रखने में भी मदद करती है। यही वजह है कि अश्वगंधा को पुरुषों के संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एक भरोसेमंद आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है।
2.2. शतावरी (Asparagus racemosus)

जब बात शुक्राणु बढ़ाने की होती है, तो शतावरी को एक बेहतरीन देसी दवाई माना जाता है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
शतावरी खासकर वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसका हर दिन सेवन करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं, शरीर को ठंडक मिलती है और प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है।
इसलिए, शतावरी को सिर्फ प्रजनन स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
2.3. कौंच बीज (Mucuna pruriens)

कौंच बीज को आयुर्वेद में शुक्राणु बढ़ाने वाला एक ताकतवर टॉनिक माना जाता है। यह शरीर में डोपामिन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर और शुक्राणुओं की गति दोनों में सुधार हो सकता है।
जिन पुरुषों को निल शुक्राणु की समस्या है और वे इसे बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा ढूंढ रहे हैं, उनके लिए कौंच बीज का सेवन फायदेमंद माना जाता है। यह बीज प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है और शरीर की ताकत भी बढ़ाता है।
2.4. गोखरू (Tribulus terrestris)

गोखरू पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए एक प्रसिद्ध जड़ी-बूटी है। यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी और शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट दोनों में फायदेमंद मानी जाती है।
आयुर्वेद में, पुरुष बांझपन की दवा के रूप में गोखरू का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। इसका नियमित सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ शुक्राणु उत्पादन में भी मदद करता है।
2.5. सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum)

सफेद मूसली को आयुर्वेद में एक प्राकृतिक शक्तिवर्धक और ऊर्जा देने वाली जड़ी-बूटी माना जाता है। इसका सेवन शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
शुक्राणु बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में सफेद मूसली का एक खास स्थान है, क्योंकि यह यौन इच्छा को भी बढ़ाती है और पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है।
2.6. शिलाजीत (Asphaltum punjabianum)

शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों से मिलने वाला एक प्राकृतिक खनिज है। आयुर्वेद में इसे पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन रसायन माना जाता है।
शुक्राणु बढ़ाने वाली दवा के तौर पर शिलाजीत का सेवन न सिर्फ वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि शरीर में ऊर्जा और सहनशक्ति भी बढ़ाता है। इसलिए यह पुरुषों की ताकत और प्रजनन स्वास्थ्य दोनों के लिए उपयोगी है।
शुक्राणु स्वास्थ्य में सुधार के लिए जीवनशैली में बदलाव
-
शराब कम करें: ज़्यादा शराब शुक्राणुओं की संख्या और टेस्टोस्टेरोन घटाती है।
-
वजन नियंत्रित करें: ज़्यादा वजन शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा पर नकारात्मक असर डालता है।
-
अत्यधिक गर्मी से बचें: टाइट कपड़े, लैपटॉप या गर्म टब शुक्राणुओं की गतिशीलता कम कर सकते हैं।
-
धूम्रपान और नशे से दूर रहें: ये शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
-
पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-8 घंटे की नींद टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन के लिए ज़रूरी है।
-
तनाव कम करें: तनाव हार्मोनल संतुलन बिगाड़ता है, जो प्रजनन क्षमता पर असर डालता है।
-
पौष्टिक आहार लें: जिंक, फोलेट, ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता बढ़ाते हैं। जंक फूड से बचें।
यह जानकारी केवल शिक्षात्मक उद्देश्य के लिए है। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। परिणाम व्यक्ति पर निर्भर करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. शुक्राणु बढ़ाने की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?
आयुर्वेद में अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, गोखरू, सफेद मूसली और शिलाजीत को शुक्राणु बढ़ाने की सबसे अच्छी दवाओं में गिना जाता है। ये जड़ी-बूटियां शरीर को ताकत देती हैं और शुक्राणु की संख्या व गुणवत्ता में सुधार करती हैं।
2. क्या आयुर्वेदिक दवाओं से निल शुक्राणु की समस्या भी ठीक हो सकती है?
अगर निल शुक्राणु की समस्या हार्मोनल असंतुलन या सामान्य कमजोरी के कारण है, तो आयुर्वेदिक दवाएं जैसे कौंच बीज और शतावरी इसमें मदद कर सकती हैं। लेकिन, यदि शुक्राणु पूरी तरह निल हैं, तो किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।
3. शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जा सकती है?
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के सेवन के साथ-साथ तनाव कम करना, पौष्टिक भोजन लेना और नियमित व्यायाम करना शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या बढ़ाने में काफी मदद करता है।
4. क्या इन जड़ी-बूटियों का कोई साइड इफेक्ट होता है?
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां आमतौर पर सुरक्षित होती हैं, लेकिन हर शरीर की प्रकृति अलग होती है। इसलिए, इन दवाओं का सेवन सही मात्रा में और किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
5. कितने समय में असर दिखता है?
आयुर्वेदिक दवाओं का असर धीरे-धीरे और प्राकृतिक तरीके से होता है। सामान्यतः, 2 से 3 महीने के नियमित सेवन से अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
संदर्भ
- पुरुष बांझपन: दुनिया भर में एक बड़ी समस्या और आयुर्वेद में इसका प्रबंधन [इंटरनेट]। रिसर्चगेट; 2018 [उद्धृत 2025 जून 19]। उपलब्ध: https://www.researchgate.net/publication/327466243_MALE_INFERTILITY_A_MAJOR_PROBLEM_WORLDWIDE_AND_ITS_MANAGEMENT_IN_AYURVEDA
- सिंह आरएच. समकालीन आयुर्वेद के लिए एक बड़े साक्ष्य आधार की खोज [इंटरनेट]। नई दिल्ली: चौखंभा संस्कृत प्रतिष्ठान; 2014 [उद्धृत 2025 जून 19]। यहां उपलब्ध है: https://books.google.co.in/books?id=MLiHAwAAQBAJ

Dr. Meghna
Dr. Meghna is a skilled General Ayurveda Physician, full of passion and devotion for integral health that can be seen through work. She has expertise in both men's and women's health and focuses more on infertility and sexual health disorders. She brings together the ancient Ayurvedic practice and modern wellness approaches for effective holistic treatment of patients.